जो हम खुद स्वीकार सकते है वही पीड़ितों के मदत के लिए दीजिये।
जो हम खुद स्वीकार सकते है, वही पीड़ितों के मदत के लिए दीजिये। आपत्ती में सहायता का समय निर्धारित हो सकता है ? कुदरती हाहाकार की बहुतसारी घटनाये आये दिन…
sach jo kabhi na chupe
जो हम खुद स्वीकार सकते है, वही पीड़ितों के मदत के लिए दीजिये। आपत्ती में सहायता का समय निर्धारित हो सकता है ? कुदरती हाहाकार की बहुतसारी घटनाये आये दिन…